Tuesday 28 June 2016

                                                      मेरी आवाज़             
पत्रकारिता (मीडिया) का प्रभाव समाज पर लगातार बढ़ रहा है। इसके बावजूद यह पेशा अब संकटों से घिरकर लगातार असुरक्षित हो गया है। मीडिया की चमक दमक से मुग्ध होकर लड़के लड़कियों (विद्यार्ति) की फौज इसमें आने के लिए आतुर है। बिना किसी तैयारी के ज्यादातर नवांकुर पत्रकार अपने आर्थिक भविष्य का मूल्याकंन नहीं कर पाते।
पत्रकारिता या मीडिया का ग्लैमर ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है। ज्यादातर लोग तो दूर से इसके ग्लैमर पर ही मोहित होकर पत्रकारिता में आते है। पत्रकारिता में कदम रखने से पहले आधे से भी अधिक विद्यार्थियों को इसकी अहमियत की भान तक नहीं होता। पत्रकारिता कोई सरकारी दफ्तर की तरह नहीं है जब मन तब आए और जब मन किया घर चले गए। दफ्तर का माहौल भी बदल गया है मगर पत्रकारों के हालात में तनिक भी बदलाव नहीं आया।
पिछले कुछ वर्षो की तुलना करे तो शायद इस क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने में कोई रूचि नहीं रखता था पर आज के दौर में तो शिक्षा और नौकरी को लेकर दौड़ लगी हुई है। लाखों की फीस देकर ज्यादातर लड़के लड़किया पढाई कर रहे है और मीडिया का ज्ञानार्जन करके चैनलों में नौकरी पा रहे है।
सामाजिक जीवन में चलने वाली घटनाओं, झंझावातों के बारे में लोग जानना चाहते हैं, जो जानते हैं वे उसे बताना चाहते हैं । जिज्ञासा की इसी वृत्ति में पत्रकारिता का उद्भव हुआ। पत्रकारिता जहाँ लोगों को उनके परिवेश से परिचित कराती है, वहीं वह उनके होने और जीने में सहायक है । 
वास्तव में पत्रकारिता भी साहित्य की भाँति समाज में चलने वाली गतिविधियों एवं हलचलों का दर्पण है । वह हमारे परिवेश में घट रही प्रत्येक सूचना को हम तक पहुंचाती है । देश-दुनिया में हो रहे नए प्रयोगों, कार्यों को हमें बताती है । 
यह शाश्वत नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक मूल्यों को समसामयिक घटनाचक्र की कसौटी पर कसने का साधन बन गई है । 
“पत्रकारिता पूरे विश्व की ऐसी देन है जो सबमें दूर दृष्टि प्रदान करती है ।वास्तव में प्रतिक्षण परिवर्तनशील जगत का दर्शन केवल पत्रकारिता के द्वारा ही संभव है ।
                                                                                                         

                                                                                                             -भारतेषु माथुर

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